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QR codes are a type of barcode that can be scanned by a QR code reader in order to obtain information. They are encoded with data related to a certain subject, and they can be used in many different ways. QR codes are useful for storing URLs, contact information, and more.
QR codes are a form of 2-dimensional barcode that can store large amounts of data. QR codes are most often used to encode URLs for quick access, but they can also be used to encode any type of data. QR codes are read using a phone's camera and an app, which decodes the information encoded in the code and takes the user to the desired website or other data.
QR codes are a type of matrix barcode, or two-dimensional code, that is used to convey information. They are most commonly used in marketing. QR codes can be scanned by smartphones and can be used to direct users to websites, social media pages, or videos.
QR (Quick Response) codes are a type of two-dimensional barcode. They are used to encode information and can be read by smartphones, tablet computers, and dedicated QR readers. The QR code was invented in Japan by Denso-Wave in 1994 to track vehicles during the manufacturing process. QR codes are now commonly used for storing URLs and other information which can be accessed via a smartphone's web browser.
A QR code, or Quick Response code, is a machine-readable code consisting of black modules arranged in a square pattern on a white background. These black modules are actually tiny square cells that can each contain one of 256 possible colors. QR codes have been used in advertising and packaging to perform functions such as product tracking and marketing.
QR codes were first popularized in Japan, but have since become extremely common in other parts of the world. Today, QR codes are used in marketing and advertising. In Japan, QR codes are often used for product tracking. They can also be used for various functions including product authentication, product tracking, customer service, product information, and more.
QR codes are also used in other ways. You could, for example put a QR code on an ad that links to a video or a website. Or you could write a QR code on a business card with a link to an online form to help your customers contact a company. You can also use QR codes to find information online.
QR code maker online tool is a web-based QR code generator that allows the user to create QR codes quickly and easily from any URL, text, or image. The QR code generator is extremely simple to use and does not require any coding knowledge to use, which makes it an easy and efficient method of QR code generation. This website is free and can be used to create QR codes for both personal and commercial use. The QR code generator is available to use in any country.
Improving English Speaking Skills:
Practice speaking regularly: Make it a habit to speak in English as much as you can. Join English speaking clubs, find a language partner or take an English speaking course.
Listen and imitate native speakers: Listen to native English speakers, be it in movies, TV shows, podcasts or any other medium, and try to imitate their pronunciation, intonation, and pacing.
Study grammar and vocabulary: Building a strong foundation in grammar and vocabulary is important for speaking fluently. Read English books, newspapers, and articles, and learn new words and grammar rules every day.
Watch English language content: Watch English-language TV shows, movies, and documentaries. Pay attention to the language and try to understand the conversation.
Use online resources: Take advantage of online resources such as online courses, videos, and quizzes to improve your English skills.
Be confident: Don't be afraid to make mistakes. Practice makes perfect, and the more you speak, the more confident you will become.
Record yourself: Recording yourself speaking in English and then listening to the recording can help you identify areas that need improvement.
Get feedback: Find someone who is proficient in English and ask for their feedback on your speaking skills. Listen to their suggestions and work on improving.
Be patient: Improving your English speaking skills takes time and patience. Don't get discouraged if you don't see progress right away. Keep practicing and you will get there.
Use English in your daily life: Try to use English in your daily life as much as you can. This can include writing emails or messages in English, reading English books, or simply speaking to yourself in English.
In conclusion, by following these tips and tricks, you can significantly improve your English speaking skills. Remember, the key is consistency and practice, so make sure to use English regularly and be patient with yourself.
हम क्यो नही मानते 1 जनवरी को नया साल?
* न ऋतु बदली.. न मौसम
* न कक्षा बदली... न सत्र
* न फसल बदली...न खेती
* न पेड़ पौधों की रंगत
* न सूर्य चाँद सितारों की दिशा
* ना ही नक्षत्र।।
1 जनवरी आने से पहले ही सब नववर्ष की बधाई देने लगते हैं। मानो कितना बड़ा पर्व है।
नया केवल एक दिन ही नही होता..
कुछ दिन तो नई अनुभूति होनी ही चाहिए। आखिर हमारा देश त्योहारों का देश है।
ईस्वी संवत का नया साल 1 जनवरी को और भारतीय नववर्ष (विक्रमी संवत) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। आईये देखते हैं दोनों का तुलनात्मक अंतर:
1. प्रकृति-
1 जनवरी को कोई अंतर नही जैसा दिसम्बर वैसी जनवरी.. चैत्र मास में चारो तरफ फूल खिल जाते हैं, पेड़ो पर नए पत्ते आ जाते हैं। चारो तरफ हरियाली मानो प्रकृति नया साल मना रही हो I
2. वस्त्र-
दिसम्बर और जनवरी में वही वस्त्र, कंबल, रजाई, ठिठुरते हाथ पैर..
चैत्र मास में सर्दी जा रही होती है, गर्मी का आगमन होने जा रहा होता है I
3. विद्यालयो का नया सत्र- दिसंबर जनवरी वही कक्षा कुछ नया नहीं..
जबकि मार्च अप्रैल में स्कूलो का रिजल्ट आता है नई कक्षा नया सत्र यानि विद्यालयों में नया साल I
4. नया वित्तीय वर्ष-
दिसम्बर-जनबरी में कोई खातो की क्लोजिंग नही होती.. जबकि 31 मार्च को बैंको की (audit) कलोसिंग होती है नए वही खाते खोले जाते है I सरकार का भी नया सत्र शुरू होता है I
5. कलैण्डर-
जनवरी में नया कलैण्डर आता है..
चैत्र में नया पंचांग आता है I उसी से सभी भारतीय पर्व, विवाह और अन्य महूर्त देखे जाते हैं I इसके बिना हिन्दू समाज जीबन की कल्पना भी नही कर सकता इतना महत्वपूर्ण है ये कैलेंडर यानि पंचांग I
6. किसानो का नया साल- दिसंबर-जनवरी में खेतो में वही फसल होती है..
जबकि मार्च-अप्रैल में फसल कटती है नया अनाज घर में आता है तो किसानो का नया वर्ष और उतसाह I
7. पर्व मनाने की विधि-
31 दिसम्बर की रात नए साल के स्वागत के लिए लोग जमकर मदिरा पान करते है, हंगामा करते है, रात को पीकर गाड़ी चलने से दुर्घटना की सम्भावना, रेप जैसी वारदात, पुलिस प्रशासन बेहाल और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का विनाश..
जबकि *भारतीय नववर्ष व्रत से शुरू होता है पहला नवरात्र होता है* घर घर मे माता रानी की पूजा होती है I शुद्ध सात्विक वातावरण बनता है I
8. ऐतिहासिक महत्त्व- 1 जनवरी का कोई ऐतेहासिक महत्व नही है..
जबकि चैत्र प्रतिपदा के दिन महाराज विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत् की शुरुआत, भगवान झूलेलाल का जन्म, नवरात्रे प्रारंम्भ, ब्रहम्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना इत्यादि का संबंध इस दिन से है I
अंग्रेजी कलेंडर की तारीख और अंग्रेज मानसिकता के लोगो के अलावा कुछ नही बदला..
अपना नव संवत् ही नया साल है I
जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तिया, किसान की नई फसल, विद्यार्थी की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते है। जो विज्ञान आधारित है I
अपनी मानसिकता को बदले I विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचाने। स्वयं सोचे की क्यों मनाये हम 1 जनवरी को नया वर्ष..?
"केवल कैलेंडर बदलें.. अपनी संस्कृति नहीं"
आओ जागेँ जगायेँ, भारतीय संस्कृति अपनायेँ और आगे बढ़ेI
चिड़िय जब जीवित रहती है
तब वो किड़े-मकोड़ों को खाती है
और चिड़िया जब मर जाती है
तब किड़े-मकोड़े उसको खा जाते है।
इसलिए इस बात का ध्यान रखो की समय और स्थिति कभी भी बदल सकते है
इसलिए कभी किसी का अपमान मत करो
कभी किसी को कम मत आंको।
तुम शक्तिशाली हो सकते हो पर समय तुमसे भी शक्तिशाली है।
एक पेड़ से लाखो माचिस की तिलियाँ बनाई जा सकती है।
पर एक माचिस की तिली से लाखो पेड़ भी जल सकते है।
कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए, पर कुदरत कभी भी किसी को महान बनने का मौका नहीं देती।
कंठ दिया कोयल को, तो रूप छीन लिया ।
रूप दिया मोर को, तो ईच्छा छीन ली ।
दी ईच्छा इन्सान को, तो संतोष छीन लिया ।
दिया संतोष संत को, तो संसार छीन लिया।
☝मत करना कभी भी ग़ुरूर अपने आप पर ‘ऐ इंसान’
भगवान ने तेरे और मेरे जैसे कितनो को मिट्टी से बना कर, मिट्टी में मिला दिए ।
☝ इंसान दुनिया में तीन चीज़ो के लिए मेहनत करता है
1-मेरा नाम ऊँचा हो .
२ -मेरा लिबास अच्छा हो .
3-मेरा मकान खूबसूरत हो ..
☝लेकिन इंसान के मरते ही भगवान उसकी तीनों चीज़े
सबसे पहले बदल देता है
१- नाम = (स्वर्गीय )
२- लिबास = (कफन )
३-मकान = ( श्मशान )
जीवन की कड़वी सच्चाई जिसे हम समझना नहीं चाहते
ये चन्द पंक्तियाँ
जिसने भी लिखी है
खूब लिखी है।
एक पत्थर सिर्फ एक बार मंदिर जाता है और भगवान बन जाता है ..
इंसान हर रोज़ मंदिर जाते है फिर भी पत्थर ही रहते है ..!!
एक औरत बेटे को जन्म देने के लिये अपनी सुन्दरता त्याग देती है…….
और
वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए अपनी माँ को त्याग देता है
जीवन में हर जगह
हम “जीत” चाहते हैं…
सिर्फ फूलवाले की दूकान ऐसी है
जहाँ हम कहते हैं कि हमें
“हार” चाहिए।
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ये ज़िन्दगी जैसी भी है,
बस एक ही बार मिलती है।
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